उद्देश्य :- राज्य के बेरोजगार युवा/युवतियों को मुख्य धारा में सम्मिलित करने, स्व-रोजगार प्रदान करने एवं उनके आर्थिक उत्थान के लिए मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री अति पिछडा वर्ग उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजना लागू की गयी है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के चारों घटकों यथा-मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री अति पिछडा वर्ग उद्यमी योजना. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजनान्तर्गत जिलावार निर्धारित लक्ष्य के आधार पर प्रति घटक 2000 के हिसाब से 8000 तथा मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजनान्तर्गत 1247 अर्थात कुल 9247 आवेदनों का चयन किया जाना है।
योजनान्तर्गत ज्यादातर इकाइयों ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित होने एवं उनकी मार्केटिंग की संभावनाओं को देखते हुए सभी महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र से प्राप्त फीडबैक के आधार पर योजनान्तर्गत सूचीबद्ध परियोजनाओं को कैटेगरी (A), (B) एवं (C) के रूप में विभाजित किया जायेगा।
कैटेगरी-A :- इस कैटेगरी में वैसे परियोजनाओं को रखा गया है जिसका प्रासंगिकता जिलों द्वारा सबसे अच्छा बताया गया है। इनके उत्पादों की मांग ज्यादा है जिससे अधिकतर इकाइयाँ बेहतर ढंग से संचालित है।
इस कैटेगरी के तहत 23 परियोजनाओं के लिए 5000 लाभुकों का चयन किया जाएगा। सूचीबद्ध परियोजनाएँ निम्नवत हैं:-
1. ऑयल मिल, 2. बेकरी प्रोडक्ट्स (ब्रेड, बिरकीट, रस्क इत्यादि), 3. मसाला उत्पादन, 4. आटा, बेसन उत्पादन (पलवराइजर मशीन के साथ). 5. होटल / रेस्टुरेन्ट /ढाबा, 6. नोट बुक/कॉपी/फाईल/फोल्डर मैन्युफैक्चरिंग (एज स्क्वायर मशीन को छोडकर), 7. मेडिकल जॉच घर, 8. साईबर कैफे /आई०टी० बिजनेश सेन्टर, 9. ऑटो गैरेज / बाईक, 10. फ्लैक्स प्रिन्टिग, 11. ऑयल मिल/मसाला उत्पादन, 12. जैम/जेली/सॉस / फुट जूस उत्पादन, 13. कॉर्न फ्लेक्स/कॉन पॉफ उत्पादन, 14. आईस्क्रीम उत्पादन/डेयरी प्रोडक्ट्स 15. आटा, बेसन, सत्तु, मसाला उत्पादन, 16. बढ़ईगिरी एवं मधुमक्खी का बक्सा निर्माण, 17. स्टील फर्निचर, अलमीरा, बॉक्स, ट्रक, रैक निर्माण, 18. कृषि यंत्र यंत्र / / गेट ग्रिल/वेल्डिंग/ हॉस्पीटल बेड/ट्रॉली/हल्के वाणिज्यिक वाहन का बॉडी रॉलिंग शटर निर्माण, 19. कैटल फीड/पॉल्ट्री फीड उत्पादन, 20. सीमेन्ट जाली / दरवाजा/खिड़की/पेभर ब्लॉक एवं टाईल्स निर्माण, 21. फ्लाई एश ब्रिक्स/आर०सी०सी० स्पुन ह्यूम पाईप निर्माण, 22. स्पोर्ट्स सूज/पी०भी०सी० फूटवेयर, 23. बांस का समान/बेंत का फर्निचर निर्माण,
कैटेगरी (B): इस कैटेगरी में वैसे परियोजनाओं को रखा गया है जिसका प्रासंगिकता जिलों द्वारा औसतन बताया गया है। इस कैटेगरी के तहत 23 परियोजनाओं के लिए 3500 लाभुकों का चयन किया जाएगा। सूचीबद्ध परियोजनाएँ निम्नवत हैं :-
1. पोहा/चूडा उत्त्पादन, 2. मखाना प्रोसेसिंग, 3. दाल मिल, 4. कॉर्न फ्लैक्स उत्पादन, 5. सत्तु उत्पादन, 6. बढ़ईगिरी (सी०एन०सी० राउटर के साथ), 7. नेल/कांटी निर्माण, 8. रॉलिंग शटर
निर्माण, 9. हल्के वाणिज्यिक वाहन का बॉडी निर्माण, 10. कैटल फीड उत्पादन, 11. पॉल्ट्री फीड उत्पादन, 12. नोट बुक/कॉपी/फाईल/फोल्डर मैन्युफैक्चरिंग (एज स्क्वायर मशीन के साथ), 13. ड्राई क्लिनिंग, 14. सेनेटरी नैपकिन/डिस्पोजल डाईपर उत्पादन, 15. डिटरजेन्ट पाउडर उत्पादन, 16. प्लास्टिक आईटम / बॉक्स/बोटल, 17. पेभर ब्लॉक एवं टाईल्स, 18. फ्लाई एश ब्रिक्स, 19. पावरलूम इकाई, 20. पेपर बैग उत्पादन, 21. पेपर प्लेट उत्पादन, 22. लेदर एवं रेक्सिन प्रोडक्ट्स का उत्पादन, 23. रेडिमेड ग्रार्मेन्ट्स (निटिंग / होजियरी),
कैटेगरी-(C):- इस कैटेगरी में तैसे परियोजनाओं को रखा गया है जिसका प्रासंगिकता जिलों द्वारा संतोषजनक बताया गया है। इस कैटेगरी के तहत 12 परियोजनाओं के लिए 747 लाभुकों का चयन किया जाएगा। सूचीबद्ध परियोजनाएँ निम्नवत हैं :-
1. हनी प्रोसेसिंग, 2. निर्माण कार्य हेतु आयरन रिंग निर्माण, 3. कूलर/फैन / हीटर एसेम्बिलिंग, 4. एल०ई०डी० बल्ब उत्पादन, 5. इलेक्ट्रिक स्यूच/सॉकेट/बोर्ड निर्माण, 6. इलेक्ट्रिक व्हीकल एसेम्बिलिंग इकाई, 7. स्पोर्ट्स सूज, 8. केला रेशा निर्माण, 9. सोया प्रोडक्ट, 10. जूट पर आधारित उत्पाद, 11. मिनी राईस मिल, 12. एग्रिकल्चर ड्रोन एज ए सर्विस
नोट :- उपरोक्त परियोजनाओं में से मेडिकल जाँच घर, केला रेशा निर्माण एवं इलेक्ट्रिक व्हीकल एसेम्बिलिंग इकाई परियोजना का चयन करने वाले आवेदकों को आवेदन के साथ संबंधित परियोजना में प्रशिक्षण / कार्य अनुभव का प्रमाण-पत्र उद्यमी पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा।
अर्हता :-
मुख्यमंत्री उद्यमी योजनान्तर्गत आवेदन हेतु अर्हता निम्न है :-
i. आवेदक बिहार के स्थायी निवासी हो।
ii. कम-से-कम 10+2 या इन्टरमीडिएट, आई०टी०आई०, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा या समकक्ष उतीर्ण हो।
iii. 18 से 50 वर्ष की आयु सीमा के अन्तर्गत हो।
iv. इकाई प्रोपराईटरशीप फर्म, पार्टनरशीप फर्म, LLP अथवा Pvt. Ltd. Company हो।
v. प्रोपराइटरशीप व्यवसाय उद्यमी द्वारा अपने निजी PAN पर किया जाएगा।
योजनान्तर्गत कोटिवार आवेदन हेतु पात्रता :-
i. मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना इस योजनान्तर्गत केवल अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के पुरुष/महिला आवेदक ही आवेदन करने के पात्र होंगे।
ii. मुख्यमंत्री अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना: इस योजनान्तर्गत केवल अति पिछड़ा वर्ग (BC-01) के पुरूष/महिला आवेदक ही आवेदन करने के पात्र होंगे।
iii. मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना इस योजनान्तर्गत सभी वर्ग की महिला आवेदक आवेदन करने के पात्र होंगे।
iv. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना इस योजनान्तर्गत केवल सामान्य वर्ग एवं पिछड़ा वर्ग (BC-02) के पुरूष आवेदक ही आवेदन करने के पात्र होंगे।
V. मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजना इस योजनान्तर्गत केवल अल्पसंख्यक वर्ग के पुरूष / महिला आवेदक ही आवेदन करने के पात्र होंगे।
वांछित दस्तावेज/कागजात :-
मुख्यमंत्री उद्यमी योजनान्तर्गत आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज / कागजात निम्न है :-
i. मैट्रिक उतीर्णता का प्रमाण पत्र (जिसमें जन्मतिथि अंकित हो)।
ii. इन्टरमीडिएट या समकक्ष उतीर्णता का प्रमाण-पत्र।
iii. जाति प्रमाण-पत्र।
iv. स्थायी निवास प्रमाण-पत्र।
v. दिव्यांगता प्रमाण-पत्र (यदि आवश्यक हो)।
vi. आवेदक का Live फोटोग्राफ।
vii. आवेदक का हस्ताक्षर।
योजनान्तर्गत आवेदन करने / चयन की प्रक्रिया :-
मुख्यमंत्री उद्यगी योजनान्तर्गत आवेदन करने एवं चयन की प्रक्रिया निम्न है:-
i. उद्यमी पोर्टल https://udyami.bihar.gov.in/ के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन प्राप्त किया जाएगा।
ii. निर्धारित तिथि तक प्राप्ा कुल आवेदनों के विरूद्ध जिलावार निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप आवेदनों का प्रारंभिक रूप से चयन किया जायेगा।
iii. प्रारंभिक रूप से आवेदकों का चयन कम्प्यूटराज्ड रेण्डमाईजेशन पद्धति से किया जायेगा।
iv. प्रारंभिक रूप से चयनित आवेदनों की मुख्यालय स्तर पर स्क्रूटनी की जायेगी।
V. स्क्रूटनी के उपरांत वांछित कागजात के आधार पर योग्य पाए गए आवेदकों का अंतिम रूप से चयन किया जायेगा।
नोट:- 1. आवेदक उसी जिले में अपने परियोजना को स्थापित करेंगे जिस जिले का स्थायी निवासी है, अन्यथा उनके आवेदन को रद्द कर दी जायेगी।
2. आवेदक आवेदन करते समय परियोजना का चयन सावधानीपूर्वक करें, एक बार परियोजना चयन के उपरांत उसमें परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
योजनान्तर्गत लाभ / वित्तीय सहायता :-
मुख्यमंत्री उद्यमी योजनान्तर्गत चयनित आवेदकों को उनके द्वारा चयन किये गये परियोजना की स्थापना एवं संचालन हेतु अधिकतम रु0 10.00 लाख तक का वित्तीय सहायता उपलब्ध कराया जाता है जिसमें कुल परियोजना का 50 प्रतिशत अधिकतम रु0 5.00 लाख तक अनुदान तथा
शेष 50 प्रतिशत अधिकतम रु0 5.00 लाख तक ब्याज मुक्त ऋण (युवा उद्यमी योजना के मामले में 1 प्रतिशत का ब्याज के साथ) के रूप में प्रदान किया जाएगा। आवेदकों को परियोजना राशि की स्वीकृति विभाग द्वारा तैयार मॉडल डी०पी०आर० के अनुरूप किया जाएगा।
योजनान्तर्गत लाभुकों को परियोजना राशि की स्वीकृति एवं विमुक्ति निग्न प्रक्रिया के
तहत की जायेगी:-
i. अंतिम रूप से चयनित आवेदकों का प्रथम चरण में 06 दिवसीय प्रशिक्षण कराया जायेगा।
ii. अभ्यर्थियों को प्रथम चरण के प्रशिक्षण में भाग लेने हेतु कुल 02 मौका दिया जायेगा तथा प्रशिक्षण के लिए निर्धारित तिथि एवं स्थान की सूचना आवेदक को आवेदन में दिये गये ई-मेल/दूरभाष के माध्यम से प्रशिक्षण संस्थान द्वारा प्रदान की जायेगी। दोनों बार में अनुपस्थित रहने वाले अभ्यर्थियों की अभ्यर्थिता को रद्द कर दिया जायेगा।
iii. प्रथम चरण के प्रशिक्षणॉपरांत आवेदक के इकाई के नाम से चालू खाता (Current Account) में प्रथम किश्त की राशि का भुगतान RTGS/NEFT के माध्यम से किया जायेगा।
iv. प्रथम किश्त की राशि से परियोजना स्थल की तैयारी हेतु अधिकतम रु0 1.50 लाख, बिजली कनेक्शन सेफ्टी कीट के क्रय पर रु0 25.00 हजार एवं अन्य मद में रु0 25.00 हजार व्यय किया जायेगा।
V. लाभुक द्वारा परियोजना स्थल किराये पर लेने की स्थिति में 06 माह का मासिक किराया अथवा अधिकतम रु० 50.00 हजार, जो न्यूनतम हो, अग्रिम के रूप में व्यय किया जा सकेगा।
vi. लाभुक द्वारा अपने निकट संबंधी (माता/पिता/दादी/दादा) से परियोजना स्थल को किराये पर लेने की स्थिति में अग्रिम (06 माह का मासिक किराया अथवा रु0 50.00 हजार) भुगतान मान्य नहीं होगा।
vii. लाभुक को प्रथम किश्त का उपयोगिता प्रमाण-पत्र राशि प्राप्त होने के 90 दिनों के अंदर उद्यमी पोर्टल पर अपलोड करना होगा तथा अपलोड किये गये उपयोगिता का जॉच क्षेत्रीय पदाधिकारी द्वारा करते हुए अपनी अनुशंसा के साथ महाप्रबंधक को अग्रसारित किया जायेगा।
viii. महाप्रबंधक के स्तर पर उपयोगिता स्वीकृत होने के उपरांत लाभूको का द्वितीय चरण में 06 दिवसीय प्रशिक्षण कराया जायेगा।
ix. द्वितीय चरण के प्रशिक्षण में भाग लेने हेतु अभ्यर्थियों को कुल 02 मौका दिया जायेगा तथा प्रशिक्षण के निर्धारित तिथि एवं स्थान की सूचना आवेदक को आवेदन में दिये गये ई-मेल / दूरभाष के माध्यम प्रशिक्षण संस्थान द्वारा प्रदान की जायेगी। दोनों बार में अनुपस्थित रहने वाले लाभुकों को अगली किश्त की राशि का भुगतान नहीं किया जायेगा।
Χ. द्वितीय चरण के प्रशिक्षणोंपरांत आवेदक के इकाई के नाम से चालू खाते (Current Account) में द्वितीय किश्त की राशि का भुगतान RTGS/NEFT के माध्यम से किया जायेगा।
xi. लाभुक मशीनरी क्रय में निर्धारित कुल लागत राशि का अधिकतम 25 प्रतिशत राशि का उपयोग अपनी सुविधानुसार मशीनरी क्रय में कर सकते हैं।
xii. लाभुक को द्वितीय किश्त का उपयोगिता प्रमाण पत्र राशि प्राप्त होने के 90 दिनों के अंदर उद्यमी पोर्टल पर अपलोड करना होगा तथा अपलोड किये गये उपयोगिता का जाँच क्षेत्रीय पदाधिकारी द्वारा करते हुए अपनी अनुशंसा के साथ महाप्रबंधक को अग्रसारित किया जायेगा। महाप्रबंधक के स्तर प्राप्त अनुशंसा के उपरांत लाभुकों को तृतीय किश्त की राशि का भुगतान RTGS/NEFT के माध्यम से किया जायेगा।
xiii. लाभुक द्वारा प्रथम / द्वितीय किश्त का 90 प्रतिशत राशि व्यय करने की स्थिति में क्षेत्रीय पदाधिकारी / महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र द्वारा लाभुक को अगली किश्त का अनुशंसा किया जा सकेगा।
xiv. लाभुक मॉडल डी०पी०आर० में वर्णित मशीनरी से उन्नत / उत्कृष्ट क्षमता का मशीन अपने स्तर से अतिरिक्त राशि का व्यय कर क्रय कर सकते हैं।
xv. लाभुक द्वारा योजनान्तर्गत प्राप्त राशि का व्यय के क्रम में रु0 10.00 हजार से अधिक का सभी भुगतान केवल ऑनलाइन माध्यम यथा-RTGS/NEFT/Cheque/ DD/UPI/ Net Banking इत्यादि के माध्यम से ही मान्य होगा।
xvi. लाभुक द्वारा योजनान्तर्गत प्राप्त राशि से मशीनरी क्रय पर होने वाली राशि का भुगतान आपूर्तिकर्ता के फर्म/ इकाई के खाता में ऑनलाइन माध्यम यथा RTGS/ NEFT/Cheque/DD/UPI/Net Banking इत्यादि के माध्यम से ही मान्य होगा।
xvii. मशीनरी क्रय का जी०एस०टी० विपत्र ही मान्य होगा।
ऋण राशि का भुगतान (Repayment) / एकमुश्त राशि की वसूली (Recovery) :-
मुख्यमंत्री उद्यमी योजनान्तर्गत प्रथम/द्वितीय / तृतीय किश्त प्राप्त लाभुको से एकमुश्त राशि की वसूली (Recovery) अथवा ऋण राशि का भुगतान (Repayment) निम्न प्रक्रिया के तहत की जाएगी:-
ⅰ. योजनान्तर्गत प्रथम / द्वितीय / तृतीय किशा प्राप्ा लाभुकों द्वारा अपना उद्यम/इकाई स्थापित नहीं करने तथा परियोजना राशि का दुरूपयोग करने पर उनके विरूद्ध पी०डी०आर० एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए एकमुश्त राशि की वसूली की जायेगी।
ii. योजनान्तर्गत द्वितीय/तृतीय किश्त का भुगतान होने के एक वर्ष के बाद लाभुकों द्वारा कुल परियोजना राशि का 50 प्रतिशत अर्थात ऋण राशि का किश्तवार भुगत्तान
(Repayment) उद्यमी पोर्टल पर उपलब्ध ऑनलाइन पेमेंट गेटवे के माध्यम से किया जायेगा।
iii.
निर्धारित समय पर ऋण राशि का किश्तवार भुगतान (Repayment) नहीं करने वाले लाभुकों को चिन्हित करते हुए उनके विरूद्ध नियमानुकुल कार्रवाई की जाएगी।